बरेली बवाल में ऐक्शन शुरू: तौकीर रजा के सहयोगियों पर गिरेगी गाज

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उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में प्रशासन ने पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान के सहयोगियों से जुड़ी आठ अवैध संपत्तियों की पहचान करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) और जिला प्रशासन की टीम ने फाइक एन्क्लेव, जगतपुर और पुराने शहर के इलाकों में एक संयुक्त अभियान चलाया। चिह्नित की गई इमारतों के बारे में आरोप है कि वे बगैर नक्शा स्वीकृत कराए बनवाई गई हैं। इनमें से कुछ इमारतें सरकारी और सीलिंग की जमीन पर निर्मित कराई गई हैं।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि फाइक एन्क्लेव हाल के वर्षों में अपराधियों के लिए एक पनाहगाह के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले, गैंगस्टर अतीक अहमद के साले सद्दाम से जुड़े एक परिसर को यहां सील किया गया था। उन्होंने बताया कि अब तौकीर के सहयोगी फरहत और मोहम्मद आरिफ के भी इसी तरह की गतिविधियों से जुड़े होने का पता चला है। बीडीए के अधिकारियों ने कहा कि आरिफ और उसके सहयोगियों ने सरकारी जमीन, सड़कों और सीलिंग क्षेत्रों पर अतिक्रमण किया था। उन्होंने बताया कि आरिफ से जुड़े होटल और लॉन स्काईलार्क, फहम लॉन और फ्लोरा गार्डन को अवैध निर्माण बताते हुए पिछले रविवार को सील कर दिया गया।

बीडीए के उपाध्यक्ष डॉक्टर मणिकंदन ए ने कहा, ”सरकारी और सीलिंग की जमीन पर अवैध निर्माण को छोड़ा नहीं जाएगा। नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” इस बीच, बरेली नगर निगम ने पहलवान साहब की दरगाह के ऊपर बनी दुकानों सहित कई दुकानों को ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित किया है। आरोप है कि ये दुकानें भी बिना अनुमति के बनाई गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन सड़क और जमीन पर अतिक्रमण के लिए आरिफ के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। जिला प्रशासन ने तौकीर के सहयोगियों और वित्तपोषकों के करीबी नेटवर्क पर निगरानी बढ़ा दी है। प्रशासन को उन पर सामुदायिक कार्यक्रमों की आड़ में गैरकानूनी गतिविधियों को वित्तपोषित करने और रणनीति बनाने का संदेह है। यह कार्रवाई 26 सितंबर को बरेली में हुई हिंसक झड़पों के बाद की गई है। शुक्रवार की नमाज के बाद कोतवाली क्षेत्र में एक मस्जिद के बाहर दो हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा हो गई थी।

इसके बाद पथराव हुआ और लाठी चार्ज में कई लोग तथा पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। पुलिस ने इस मामले में अब तक 180 नामजद और 2,500 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें खान, उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए जिले में इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद हैं। इस बीच, बरेली जिले की पुलिस ने मंगलवार को बताया कि शहर में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) मानुष पारीख ने संवाददाताओं को बताया, “26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के सिलसिले में 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।” गिरफ्तार लोगों में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान की पार्टी का पदाधिकारी शमशाद भी शामिल है, जो इस साजिश में शामिल था और लोगों को भड़काने के लिए व्हाट्सएप संदेश भेज रहा था। उन्होंने बताया कि एक अन्य आरोपी ताज़ीम को भी एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें उसके पैर में गोली लगी थी।

ताज़ीम ने 26 सितंबर को श्यामगंज पुल के पास पुलिस पर गोलीबारी की थी। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी और ड्रोन फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने पत्रकारों को मामले की चल रही जांच और अब तक हुई गिरफ़्तारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि 26 सितंबर को हुई हिंसा के बाद से पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान कर रही है और गिरफ़्तारी कर रही है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पुलिस ने 28 और आरोपियों को गिरफ़्तार किया जिनमें कोतवाली थाना क्षेत्र से और 15 बारादरी थाना क्षेत्र से पकड़े गए। एसएसपी आर्य ने कहा कि गिरफ़्तार किए गए कुछ लोगों ने हिंसा को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी और उनके पास से घटना से जुड़ी आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है।

उन्होंने दावा किया कि पूछताछ के दौरान, गिरफ़्तार लोगों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। एसएसपी ने खुलासा किया कि हिंसा से एक रात पहले व्हाट्सऐप के जरिए सक्रिय समन्वय था। आर्य ने कहा, “लोगों को जानबूझकर विरोध प्रदर्शन के लिए जुटाने हेतु ये संदेश व्हाट्सऐप ग्रुपों के माध्यम से भेजे जा रहे थे।” आरोपियों में एक अहम नाम नदीम खान का भी है, जिसका नाम इस मामले में प्रमुखता से सामने आया था। पुलिस के अनुसार, शुरुआत में नदीम खान और कई अन्य लोगों के हस्ताक्षरों वाली एक अपील प्रसारित की गई थी, जिसमें लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल न होने का अनुरोध किया गया था। हालाँकि, कुछ ही समय बाद, उसी व्यक्ति के मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप ग्रुपों में संदेश भेजे गए, जिसमें दावा किया गया कि अपील फ़र्ज़ी है और हस्ताक्षर जाली हैं। एसएसपी ने पुष्टि की कि पुलिस द्वारा डिजिटल साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज की जाँच जारी रहने के कारण और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

बरेली के जिलाधिकारी (डीएम) अविनाश सिंह ने स्पष्ट किया है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जनता से अपील करते हुए डीएम ने कहा, “बरेली का माहौल किसी भी हालत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। ज़िले के नागरिक शांत रहें, कानून का पालन करें और किसी भी अफवाह या भ्रामक जानकारी पर ध्यान न दें।” उन्होंने आगे कहा, “सरकार की नीति स्पष्ट है-अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और निर्दोषों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।” अविनाश सिंह ने कहा, “कुछ असामाजिक तत्व लगातार शांति भंग करने की साजिश रच रहे हैं, खासकर नाबालिगों को गुमराह करके और उन्हें पत्थर, बंदूक और हथियारों से लैस करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन इसे बेहद गंभीरता से ले रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि पर्दे के पीछे से बच्चों को भड़काने वालों की पहचान की जा रही है और आगे से ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

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