भागवत कथा से निर्मल होकर परमात्मा का अनुभव करने लगता है मनुष्य का हृदय : आचार्य शांतनु जी

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कंचौसी (कानपुर देहात)। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिवस पर दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय, कंचौसी बाजार में भक्तिरस का अनुपम संगम देखने को मिला। श्रद्धालुओं से भरे पंडाल में शंखध्वनि और भजन-कीर्तन की गूंज से पूरा वातावरण आध्यात्मिक बना रहा। आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा, “भागवत कथा आत्मा की शुद्धि का मार्ग है। जैसे धूल से ढका दर्पण साफ होने पर प्रतिबिंब स्पष्ट हो जाता है, वैसे ही कथा श्रवण से मनुष्य का हृदय निर्मल होकर परमात्मा का अनुभव करने लगता है।” उन्होंने समझाया कि पहला दिन ही पापों के क्षय और जन्म-जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति का द्वार खोल देता है। कथा समाज को सेवा, सहयोग और संस्कारों की डोर से जोड़ती है।

युवाओं को संदेश
युवा पीढ़ी से आचार्य जी ने कहा कि मोबाइल और सोशल मीडिया से ऊपर उठकर शास्त्रों का अध्ययन करना आवश्यक है, तभी जीवन को सच्चा अर्थ मिलेगा।

सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ाव
आयोजन माता कनकरानी व पिता दर्शन सिंह की स्मृति तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को समर्पित है। आयोजक व सांसद श्री देवेंद्र सिंह भोले ने कहा—“यह आयोजन पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में एकात्म मानववाद की भावना को सशक्त करने का माध्यम है।”

अतिथियों की मौजूदगी
पहले दिन मंच पर मिश्रिख सांसद श्री अशोक रावत, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री प्रकाश पाल, विधायक व एमएलसी श्री अरुण पाठक, श्री अवध विहारी, श्री सुधीन्द्र जैन, डॉ. विवेक द्विवेदी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख डेरापुर मौजूद रहे।
सभी गणमान्यजनों ने इस प्रकार के आयोजनों को सामाजिक समरसता और संस्कारों की नींव बताया।

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