पंजाब में रहने वाले यादव जाति के लोगों द्वारा पिछड़ा वर्ग से निकाल कर अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किए जाने की मांग पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतक्रियिा दी है। अखिलेश यादव ने कहा है कि उप्र में जन्मी पीडीए की जनचेतना पिछड़ेपन से बाहर निकलने की आवाज बन चुकी है। एकजुटता की शक्ति ही उनकी क्षतिपूर्ति और हिफाजत कर सकती है। बुधवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखा कि उप्र से जन्मी पीडीए की जनचेतना अब पूरे देश के ‘पीड़ित, दुखी, अपमानित’ समाज के लिए अपने सम्मान, अधिकार, आरक्षण, पिछड़ेपन के दंश व दमित स्तर से उबरने के लिए संघर्ष की नयी आवाज़ बन गयी है। जो लोग जहाँ भी संख्या में कम हैं वो भी जान गये हैं कि एकजुटता की शक्ति ही उनकी संख्या की कमी की क्षतिपूर्ति करने में सक्षम होगी और उनके हक़ की हिफ़ाज़त करने में भी।
अखिलेश ने कहा है कि पीडीए उन अंतिम लोगों के स्वाभिमान-स्वमान के नवजागरण का नाम है। जिनके हस्सिे ऐतिहासिक रूप से उपेक्षा और उत्पीड़न ही आया है, और ऐसे लोग हर समाज में हैं। इसीलिए ‘जो पीड़ित वो पीडीए’ के सैद्धांतिक सूत्र से एक-सूत्र हुए पीडीए समाज ने एक साथ मिलकर अब ये संकल्प उठाया है कि ‘पीडीए का परचम पूरे देश में लहराएंगे, हम अपनी पीडीए सरकार बनाएंगे। वहीं एक दिन पूर्व गोंडा के स्थानीय विधायक और ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि के बीच जीएसटी रिफॉर्म्स को लेकर जनसम्पर्क के दौरान हुए बवाल को लेकर भी अखिलेश यादव ने निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा है कि जब ‘डबल इंजन’ टकराएंगे तो डब्बिे क्यों नहीं।
भाजपा के कार्यकर्ता अपने ऊपरवालों से दुष्प्रेरित हैं और उनसे भी जो सड़कों पर लड़ते मिलते हैं। उन्होंने कहा कि इन हालातों में तो ‘सफ़ेद टेबल’ पर बैठाकर समझौता भी नहीं करवाया जा सकता है और न ही वीडियो के बाहर आ जाने के बाद बयान बदलवाया जा सकता है। भाजपाई करें तो करें क्या।भाजपा जाए तो सिर-फुटव्वल रुक जाए। गौरतलब है कि पंजाब में दो लाख से ज्यादा यादव समाज के लोग है। पंजाब में यादव समुदाय को केंद्र सरकार की पिछड़ा वर्ग (बीसी) श्रेणी में रखा गया है, न कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में। पंजाब में यादव समाज अपने आपको अन्य पिछड़ा समाज मे शामिल होने की मांग कर रहा है।