उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के खिलाफ दायर याचिका खारिज

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प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनाव के समय फर्जी शैक्षणिक डिग्री पेश करने और एक पेट्रोल पंप हासिल करने में उस डिग्री का उपयोग करने के आरोपों को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने प्रयागराज के दिवाकर नाथ त्रिपाठी नाम के व्यक्ति द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी। इस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने के अनुरोध के साथ दंउ प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत दायर अर्जी खारिज किए जाने के बाद त्रिपाठी ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

याचिकाकर्ता ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी। हालांकि, फरवरी, 2024 में अदालत ने याचिका दायर करने में विलंब के आधार पर उनकी पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी थी। इसका आधार यह था कि त्रिपाठी ने निचली अदालत के आदेश के 300 से अधिक दिनों बाद यह याचिका दायर की थी। हालांकि, इस साल जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने इस विलंब को माफ करते हुए उच्च न्यायालय को इस मामले में गुण-दोष के आधार पर विचार करने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के उपरांत त्रिपाठी ने फिर से उच्च न्यायालय में इन्हीं आरोपों के आधार पर नए सिरे से याचिका दायर की। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 23 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

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