लखनऊ। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य के युवाओं को भारत या विदेश में रोजगार दिलाने में मदद के लिए ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य के श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर ने संवाददाताओं से कहा कि यह राज्य सरकार को तीसरे पक्ष की भर्ती एजेंसियों पर निर्भर किए बिना सीधे रोजगार की सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। राजभर ने कहा, ”इस मिशन के गठन के साथ हमने एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किया है। हमारा लक्ष्य एक साल में 25,000 से 30,000 बेरोजगार युवाओं को विदेश भेजना और भारत के निजी क्षेत्र में लगभग एक लाख युवाओं को रोजगार प्रदान करना है।
राजभर ने कहा कि राज्य सरकार को श्रमिकों को विदेश भेजने के लिए आरए (भर्ती एजेंट) वाले बाहरी संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता था। उन्होंने कहा, ”अब मिशन के लागू होने के बाद राज्य को अपना स्वयं का आरए (भर्ती एजेंट) प्राप्त होगा जिससे हम नर्सिंग, पैरामेडिकल, कुशल श्रम, ड्राइविंग, घरेलू काम और अन्य उच्च मांग वाले क्षेत्रों में श्रमबल की विदेशों में सीधे नियुक्तियों की व्यवस्था कर सकेंगे।” राजभर ने कहा कि भारतीय श्रमबल की बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनजर रोजगार मिशन की स्थापना करना अनिवार्य हो गया है। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में कैबिनेट ने फैक्टरी के काम में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए श्रम नियमों में संशोधन को भी मंजूरी दी।
हाल में, महिलाओं को खतरनाक उद्योगों की 29 श्रेणियों में काम करने से रोक दिया गया था। सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ऐसे चार उद्योगों पर प्रतिबंध हटा दिए थे और नवीनतम कदम महिलाओं के लिए अवसरों का और विस्तार करता है। राजभर ने कहा, ”वर्तमान में राज्य में केवल पांच प्रतिशत फैक्टरी में ही महिलाएं कार्यरत हैं और नोएडा को छोड़कर यह आंकड़ा लगभग एक प्रतिशत ही है। प्रौद्योगिकी में प्रगति और महिला सशक्तीकरण के हमारे लक्ष्य के अनुरूप इन पुराने मानदंडों को संशोधित करना आवश्यक था।” मंत्री ने कहा कि उद्योग और श्रम संगठन भी इन सुधारों की मांग कर रहे थे और ये बदलाव राज्य के एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के व्यापक लक्ष्य का समर्थन करेंगे। राजभर ने कहा, ”आज हमने मंत्रिमंडल के समक्ष अपने श्रम नियमों में संशोधन करने का यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया और इसे मंजूरी मिल गई है।” उन्होंने आज के फैसलों को उत्तर प्रदेश में आर्थिक परिवर्तन और सामाजिक सशक्तीकरण की दिशा में एक ”बड़ा कदम” बताया।