बुलंदशहर। यूपी में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ पाने वाले किसानों में अपात्र पाए गए किसानों की जांच के दौरान बुलंदशहर जिले में 9900 किसान अपात्र पाए गए। सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में ऐसे किसानों की संख्या 21 लाख है। राज्य सरकार के निर्देश पर कृषि विभाग ने इन अपात्र किसानों की जांच के आधार पर इनके द्वारा ली गई राशि की वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी है। गौरतलब है कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इसके तहत पात्र किसानों को 1 वर्ष में 6000 रुपये तीन किश्तों में उनके बैंक खाते में जमा कराए जाते हैं। अब तक इस योजना के तहत 11 किश्त किसानों के खाते में आ चुकी हैं।
यूपी में 2.85 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि दी जा रही है। पिछले दिनों प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया था कि राज्य में 21 लाख लाभार्थी किसान इस योजना के मानकों पर खरे नहीं उतरने के कारण अपात्र घोषित कर दिए गए हैं। सरकार ने ऐसे किसानों की जिलेवार सूची भेज कर इनकी जांच कराने और बैंक खाते में जमा हुई राशि की वसूली करने के निर्देश दिए हैं। जिले के कृषि उपनिदेशक विपिन कुमार के अनुसार राज्य सरकार के निर्देश पर कृषि विभाग के कर्मचारियों की टीम शासन से मिली सूची के आधार पर गांव गांव जाकर किसानों की जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत जो किसान आयकर दाता, वेतनभोगी, पेंशनर हैं अथवा भूमिहीन हैं, वे योजना के पात्र नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और अपात्र लाभार्थियों के नाम सूची से हटा कर इनसे वसूली की कार्यवाही भी होगी। उन्होंने बताया कि जिले में 3.88 लाख किसान इस योजना के लाभार्थी हैं। इनमें से 2.78 लाख लाभार्थी अपनी ईकेवाईसी करा चुके हैं। किसानों को 30 सितंबर तक ईकेवाईसी कराना आवश्यक है। ऐसा न होने पर शासन स्तर से उनकी सम्मान निधि बंद करने का आदेश दिया गया है।