उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की विशेष अदालत ने अवैध धर्म परिवर्तन के मामले में आरोपी उमर गौतम और 15 अन्य को मंगलवार को दोषी करार दिया। विशेष एटीएस अदालत ने सभी दोषियों को जेल भेज दिया है। अभियोजन पक्ष ने बताया कि दोषियों को अदालत बुधवार को सजा सुनाएगी। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद उमर गौतम को मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के साथ 20 जून 2021 को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि वे एक संगठन का संचालन कर रहे थे जो उत्तर प्रदेश में मूक-बधिर छात्रों और गरीब लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराने में शामिल था और इसके लिए उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से धन मिलने का संदेह था।
उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने तब बताया था कि लखनऊ के एटीएस थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने ये गिरफ्तारियां की थीं। मौजूदा पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार उस समय एटीएस के अपर पुलिस महानिदेशक का दायित्व संभाल रहे थे। उन्होंने बताया था कि उमर गौतम पहले हिंदू था लेकिन उसने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया और धर्मांतरण कराने में सक्रिय हो गया। उन्होंने उमर के हवाले से बताया था कि उसने करीब एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को इस्लाम में धर्मांतरित कराया और उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है। यह अभियान जामिया नगर में स्थित इस्लामिक दावा सेंटर नामक संस्था के जरिये चलाया जा रहा था।