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    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्कूलों के विलय के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

    लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को नजदीकी संस्थानों के साथ विलय करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सोमवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ ने यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने शुक्रवार को कृष्णा कुमारी और अन्य द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा था, जो राज्य सरकार के 16 जून के आदेश को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील एलपी मिश्रा और गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी कि राज्य सरकार की कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 21ए का उल्लंघन करती है, जो छह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार की गारंटी देता है। उनकी दलील थी कि निर्णय के कार्यान्वयन से बच्चे अपने पड़ोस में शिक्षा के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।

    याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सरकार को अधिक छात्रों को आकर्षित करने के लिए स्कूलों के मानक को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि सरकार ने आर्थिक लाभ या हानि को दरकिनार करते हुए जन कल्याण की दिशा में काम करने के बजाय इन स्कूलों को बंद करने का “आसान तरीका” चुना है। हालांकि, अतिरिक्त महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया, मुख्य स्थायी वकील शैलेंद्र सिंह और बेसिक शिक्षा निदेशक का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दीक्षित ने तर्क दिया कि सरकार का निर्णय नियमों के अनुसार है और इसमें कोई खामी या अवैधता नहीं है। उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में बहुत कम या यहां तक कि कोई छात्र नहीं है और स्पष्ट किया कि सरकार ने स्कूलों को “विलय” नहीं किया है बल्कि उन्हें “जोड़ा” है और यह आश्वासन दिया कि कोई भी प्राथमिक स्कूल बंद नहीं होगा।

    अखिलेश ने की प्रशासनिक अधिकारियों से बच्चों को राजनीति में न घसीटने की अपील

    लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों से बच्चों को राजनीति में न घसीटने की सलाह दी। यहां पार्टी मुख्यालय में यादव ने एक वायरल वीडियो का जिक्र किया जिसमें आर्थिक तंगी के कारण स्कूल छोड़ने को मजबूर गोरखपुर की एक छात्रा यह कहते सुनाई दे रही है, ”योगी अच्छे हैं, अखिलेश बुरे।” सपा अध्यक्ष ने कहा, ”मैंने वीडियो देखा। हमने बच्ची की मदद की, लेकिन उसने कहा कि योगी जी अच्छे हैं और मैं बुरा हूं। अब तक मैं यही मानता था कि बुरे होते हुए भी मैं अच्छा हूं। मैं बहन, बेटी का शुक्रिया अदा करता हूं कि उसने मुझे दिखाया कि हम वाकई बुरे हैं। मुसीबत में मदद करने वाले बुरे होते हैं।

    प्रशासन से संयम बरतने की अपील करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”बच्चों का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यह एक खतरनाक खेल है। कोई नहीं जानता कि कब वफादारी बदल जाए या कब निजी स्वार्थ हावी हो जाए। हालात सब कुछ बदल सकते हैं।” उन्होंने कहा, ”यह बड़ों का खेल है। सरकार, आईएएस अधिकारियों और गोरखपुर के जिला मजिस्ट्रेट से मेरा बस एक ही अनुरोध है – बच्चों को इसमें न घसीटें।” यादव ने कहा, ”मुझे लगता है कि मुझे भी खुद को सुधारने के लिए दो या तीन हफ्ते की छुट्टी ले लेनी चाहिए। अभी, मैं ही बुरा हूं।” गोरखपुर की एक स्कूली छात्रा पंखुड़ी त्रिपाठी ने एक जुलाई को जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। चार माह पहले आर्थिक तंगी के कारण स्कूल की फीस नहीं भर पाने से पंखुड़ी की पढ़ाई छूट गई थी और जनता दरबार में उसने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई थी।

    मुख्यमंत्री ने उसे स्कूल में दाखिला दिलाने का आश्वासन दिया था और उनके हस्तक्षेप के बाद सोमवार को वह फिर से स्कूल जाने लगी। यादव ने लड़की के पक्ष में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया था और उनकी पार्टी के नेताओं ने उसे मदद की पेशकश की थी। छात्रा ने गोरखपुर में संवाददाताओं से कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के प्रतिनिधियों ने वित्तीय सहायता के लिए उनसे संपर्क किया था। उसने कहा, ”लेकिन मैंने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि मुख्यमंत्री योगी ने अपना वादा पूरा किया और मेरा दाखिला सुनिश्चित किया।

    पौधारोपण अभियान के तहत 37 करोड़ पौधे लगाएगी यूपी सरकार

    लखनऊ। यूपी सरकार ने सोमवार को कहा कि बुधवार को पौधारोपण अभियान-2025 के तहत राज्य के सभी जिलों में 37 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। राज्यव्यापी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सभी 75 जिलों में अभियान का नेतृत्व करेंगे। बयान में कहा गया कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी नामित किया गया है जो मंगलवार सुबह तैयारियों की समीक्षा करने के लिए अपने-अपने जिलों में पहुंचेंगे।

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या और आजमगढ़ में पौधारोपण अभियान का नेतृत्व करेंगे, जबकि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बाराबंकी में अभियान में भाग लेंगी। बयान में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मेरठ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक लखनऊ में पौधारोपण अभियान में हिस्सा लेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार के सभी मंत्री बुधवार को राज्यव्यापी पौधारोपण अभियान में भाग लेंगे और अपने-अपने जिलों में पौधे लगाएंगे। सरकार ने पौधारोपण अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी 75 जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।

    उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के खिलाफ दायर याचिका खारिज

    प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनाव के समय फर्जी शैक्षणिक डिग्री पेश करने और एक पेट्रोल पंप हासिल करने में उस डिग्री का उपयोग करने के आरोपों को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने प्रयागराज के दिवाकर नाथ त्रिपाठी नाम के व्यक्ति द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी। इस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने के अनुरोध के साथ दंउ प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत दायर अर्जी खारिज किए जाने के बाद त्रिपाठी ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

    याचिकाकर्ता ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी। हालांकि, फरवरी, 2024 में अदालत ने याचिका दायर करने में विलंब के आधार पर उनकी पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी थी। इसका आधार यह था कि त्रिपाठी ने निचली अदालत के आदेश के 300 से अधिक दिनों बाद यह याचिका दायर की थी। हालांकि, इस साल जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने इस विलंब को माफ करते हुए उच्च न्यायालय को इस मामले में गुण-दोष के आधार पर विचार करने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के उपरांत त्रिपाठी ने फिर से उच्च न्यायालय में इन्हीं आरोपों के आधार पर नए सिरे से याचिका दायर की। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 23 मई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

    सपा अध्यक्ष पर सोशल मीडिया में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में छह पुलिसकर्मी निलंबित

    फिरोजाबाद। जनपद फिरोजाबाद में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल द्वारा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर सोशल मीडिया पर की गई ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर छह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित ने एक बयान में बताया कि दो जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गयी थी। इसकी शिकायत तीन जुलाई को समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष शिवराज सिंह यादव और पूर्व विधायक अजीम भाई द्वारा पुलिस अधीक्षक से मिलकर की गई थी।

    इस पर संज्ञान लेते हुए दीक्षित ने पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकारी सदर चंचल त्यागी को सौंपी थी, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मी प्रदीप ठाकुर समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। ठाकुर ने कथित आपत्तिजनक पोस्ट को स्टेटस पर लगाया, जिसे अन्य पुलिसकर्मियों ने साझा किया। दीक्षित ने बताया कि इस आधार पर प्रदीप ठाकुर के अलावा मुख्य आरक्षी कुलदीप, राहुल, अमित, अरुण और सौरभ को भी निलंबित किया गया। सभी आरोपी पुलिसकर्मी जिले के विभिन्न थानों में तैनात थे। इस बारे में सपा के पूर्व विधायक अजीम भाई ने बताया कि तीन जुलाई को उन्होंने सपा जिला अध्यक्ष के साथ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित से मुलाकात की थी और पोस्ट को साझा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें निलंबित करने की मांग की थी।

    बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं को तीर्थ यात्रा कराएगी यूपी सरकार

    लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को निर्देश दिए कि बौद्ध श्रद्धालुओं की विशिष्ट तीर्थ यात्राओं हेतु ‘बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना’ और सिख श्रद्धालुओं के लिए ‘पंच तख्त यात्रा योजना’ शुरू की जाए। उप्र सरकार ने बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया है। एक बयान के मुताबिक, शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ यात्राएं भारतीय संस्कृति में आत्मिक उत्थान और सामाजिक समरसता का माध्यम रही हैं। ऐसे में राज्य सरकार का दायित्व है कि वह नागरिकों को उनकी आस्था से जुड़े स्थलों की यात्रा में सहायता प्रदान करे।

    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बौद्ध श्रद्धालुओं की विशिष्ट तीर्थ यात्राओं हेतु ‘बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना’ और सिख श्रद्धालुओं के लिए ‘पंच तख्त यात्रा योजना’ शुरू की जाए। इन योजनाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपनी आस्था के प्रमुख तीर्थस्थलों की यात्रा सुलभता से कर सकें। बयान के मुताबिक, बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना का उद्देश्य प्रदेश के निवासी हिन्दू/बौद्ध श्रद्धालुओं को देश के विभिन्न भागों में स्थित बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा कराना है। मुख्यमंत्री ने योजना के लाभार्थियों के चयन में बौद्ध भिक्षुओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। इसी प्रकार, ‘पंच तख्त यात्रा योजना’ सिख श्रद्धालुओं के लिए होगी। इसके अंतर्गत प्रदेश के निवासी सिख श्रद्धालुओं को भारत के पांच पवित्र ‘तख्त साहिब’ स्थल की यात्रा कराई जाएगी। प्रस्तावित दोनों ही योजनाओं में प्रति व्यक्ति न्यूनतम 10,000 रूपये की राशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी।

    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दोनों योजनाओं के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी जानी चाहिए, श्रद्धालुओं के चयन में पूरी पारदर्शिता के साथ कमजोर आय वर्ग के लोगों को वरीयता दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ये दोनों योजनाएं श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धार्मिक आस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लागू की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि ये योजनाएं प्रदेश की समावेशी विकास नीति और ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को और सशक्त करेंगी।

    यूपी में हादसा: एसयूवी के दीवार से टकराने की दुर्घटना में दूल्हे समेत आठ लोगों की मौत

    संभल। यूपी के संभल जिले में एक ‘एसयूवी’ कार के एक स्कूल की दीवार से टकरने की दुर्घटना में दूल्हे समेत आठ लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये और उनका उपचार अलीगढ़ के एक अस्पताल में जारी है। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि मृतकों की पहचान दूल्हे सूरज (24), उसकी भाभी आशा (26), आशा की बेटी ऐश्वर्या (तीन), सचिन (22), गणेश (एक), कोमल (18), मधु (20) और कार चालक रवि (28) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि देवा (24) और हिमांशी (दो) का इलाज जारी है। पुलिस के मुताबिक, देवा की हालत गंभीर है जबकि हिमांशी खतरे से बाहर है।

    अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) अनुकृति शर्मा ने शुक्रवार को बताया था, “संभल जिले के जुनावई में एक एसयूवी अनियंत्रित होकर जनता इंटर कॉलेज की दीवार से टकरा गई। वाहन में दूल्हा समेत बाराती सवार थे। सूचना मिलने पर तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया।” उन्होंने बताया कि पांच लोगों को मृत अवस्था में जुनावई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार की गति बहुत तेज थी और वह अनियंत्रित होकर दीवार से टकरा गयी। पुलिस के मुताबिक, कार में 10 लोग सवार थे और वे हरगोविंदपुर गांव से बदायूं जिले के सिरतौल जा रहे थे। इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार रात को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल जिले में सड़क दुर्घटना पर संज्ञान लिया है। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने जिला अधिकारियों को घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने और उनका उचित इलाज कराने के निर्देश दिए हैं। योगी ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।

    दलित युवक की हत्या के मामले में दोषी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा

    गोंडा। यूपी के गोंडा जिले की एक अदालत ने पांच वर्ष पहले हुई एक दलित युवक की हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सजा के अलावा दोषी पर 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करने पर नौ महीने की अतिरिक्त कैद का आदेश दिया। अदालत ने मामले में शामिल दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

    विशेष लोक अभियोजक (एससी-एसटी अधिनियम) कृष्ण प्रताप सिंह व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हर्षवर्धन पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि जिले के मनकापुर थानाक्षेत्र के बल्लीपुर गांव में 14 अगस्त 2020 को एक लड़की से छेड़खानी का विरोध करने पर उसके भाई राहुल (20) की चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि मृतक की मां मैनावती ने सुमित्रानंदन (30), राकेश चौहान और अब्दुल कादिर के खिलाफ स्थानीय थाने में सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कराया था।

    अधिवक्ताओं के अनुसार, बल्लीपुर हतवा निवासी सुमित्रानंदन राहुल की बहन से आए दिन छेड़छाड़ किया करता था और जब उसने इस बात का विरोध किया तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि बाद में सुमित्रानंदन ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर राहुल की हत्या कर दी। पुलिस ने घटना के अगले ही दिन हत्या में प्रयुक्त हथियार के साथ मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और तीन लोगों को नामजद करते हुए न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी अधिनियम) सूर्य प्रकाश सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुमित्रानंदन को दोषी ठहराते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया।

    अखिलेश यादव पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में छह सिपाही निलंबित

    फिरोजाबाद। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के संबंध में सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी किए जाने की शिकायत पर जांच कार्रवाई के बाद फिरोजाबाद जिले में छह पुलिस आरक्षी निलंबित किए गए हैं। पार्टी के जिला अध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने गुरुवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित से जिले में तैनात आरक्षी प्रदीप ठाकुर के खिलाफ कारवाई की मांग करते हुए शिकायत की थी कि उसने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के संबंध में सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी की है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए संबंधित मामले की जांच सीओ सदर से कराई गई। जांच रिपोर्ट में शिकायत सही पाई गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार आरक्षी प्रदीप ठाकुर की आपत्तिजनक टिप्प्णी को अन्य पांच आरक्षियों ने वायरल किया। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रदीप ठाकुर के अलावा 5 अन्य आरक्षियों को भी निलंबित किया गया है।

    ज्ञानवापीः वजूखाना के सर्वेक्षण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टली

    प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर कथित शिवलिंग को छोड़कर बाकी क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण कराने की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई टाल दी और अगली तारीख छह अगस्त तय की। जब यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत में सुनवाई के लिए आया, तब अदालत को बताया गया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 2020 की रिट याचिका संख्या 1246 (अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम केंद्र सरकार व अन्य) के मामले में पारित अंतरिम आदेश अब भी प्रभावी है, जिसे देखते हुए अदालत ने सुनवाई टाल दी। उच्चतम न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में निर्देश दिया था कि यद्यपि नए वाद दाखिल किए जा सकते हैं, अगले आदेश तक कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं किया जाएगा और उसमें कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।

    साथ ही कोई भी अदालत सर्वेक्षण आदि सहित कोई अंतरिम आदेश या अंतिम आदेश पारित नहीं करेगी। यह पुनरीक्षण याचिका वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 अक्टूबर, 2023 के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई है जिसमें जिला न्यायाधीश ने ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाना क्षेत्र (कथित शिवलिंग को छोड़कर) का सर्वेक्षण करने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को निर्देश देने से मना कर दिया था। वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना वाद में शामिल वादकारियों में से एक राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी है कि न्याय हित में वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है क्योंकि इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि वजूखाना क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इससे संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि एएसआई वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का पहले ही सर्वेक्षण कर चुका है और वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एएसआई ने सर्वेक्षण का कार्य वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई, 2023 के आदेश के मुताबिक किया था।