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जन कल्याण के कार्यों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी : योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए बुधवार को कहा कि जन कल्याणकारी कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और किसी भी तरह की अनियमितता होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित ‘सीएम कमांड सेंटर’ के निरीक्षण के दौरान राज्य भर में विभिन्न सरकारी विभागों और परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि जनकल्याण से जुड़े कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की अनियमितता होने पर दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि सटीक डेटा रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। साथ ही विभागीय प्रदर्शन की समीक्षा महीने में एक बार मंत्री स्तर पर की जाए और सभी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्तुत की जाए।

उत्तराधिकार संबंधी मामलों और भूमि उपयोग निर्धारण जैसी सेवाओं में समयसीमा के पालन पर जोर देते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि प्रमुख योजनाओं की निगरानी करने के लिए एक रैंकिंग प्रणाली विकसित की गई है। उन्होंने कहा, ”ध्यान केवल संख्याओं पर नहीं बल्कि गुणवत्ता और पारदर्शिता पर भी होना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने जवाबदेही तय करने के लिए शीर्ष-10 प्रदर्शन करने वाले विभागों और योजनाओं को उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठकों में अपनी प्रगति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने खराब प्रदर्शन के कारणों की पहचान करने और उसमें सुधार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

प्रेमी संग मिलकर पत्नी ने पति के किए 15 टुकड़े, ड्रम में शव डालकर भर दी सीमेंट

मेरठ के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी। शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उन्हें ड्रम में डालकर सीमेंट भर दिया। फिर प्रेमी के साथ मौज मस्ती के लिये शिमला भाग गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इंदिरानगर मास्टर कॉलोनी निवासी सौरभ कुमार (29) 24 फरवरी को लंदन से लौटा था जबकि चार मार्च की रात उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी (26) ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला (28) के साथ मिल कर उसकी हत्या कर दी। आरोपियों ने पहले सौरभ को खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश किया और फिर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर उसकी हत्या कर दी।

क्रूरता की सभी हदों को लांघते हुये महिला ने पति के शव को 15 टुकड़ों में बांट दिया और अवशेषों को प्लास्टिक के ड्रम में डालकर सीमेंट से सील कर दिया। हत्या के बाद मुस्कान अपनी पांच साल की बेटी को मायके में छोड़कर साहिल के साथ शिमला चली गई। वापस लौटने पर उसने अपने पिता प्रमोद कुमार के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया, जिन्होंने मंगलवार को ब्रह्मपुरी पुलिस को अपराध की सूचना दी। थाना पुलिस ने तुरंत मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार कर लिया और पीड़ित के अवशेष बरामद किए, जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

पूर्व मर्चेंट नेवी कर्मचारी सौरभ कुमार 2020 से लंदन के एक मॉल में काम कर रहा था। वह 25 फरवरी को अपनी पत्नी मुस्कान और 28 फरवरी को अपनी बेटी पीहू का जन्मदिन मनाने के लिए भारत वापस लौटा था। वह पिछले तीन साल से अपने परिवार के साथ इंदिरानगर में किराए के मकान में रह रहे थे, जबकि उनके माता-पिता और भाई-बहन ब्रह्मपुरी में अलग-अलग रहते थे। पुलिस जांच में पता चला कि सौरभ के घर से अक्सर गायब रहने के कारण मुस्कान और साहिल के बीच अवैध संबंध बन गए थे। चार्टर्ड अकाउंटेंट साहिल उसी मोहल्ले में रहता था। हत्या की रात उनकी पांच साल की बेटी पीहू बगल के कमरे में सो रही थी, उसे इस भयानक वारदात का पता नहीं चला। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।

आर्डिनेंस फैक्ट्री का कर्मचारी संवेदनशील जानकारी साझा करने वाले को एटीएस ने उठाया

उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने बुधवार को आयुध निर्माणी कानपुर के एक कर्मचारी को संवेदनशील जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के साथ साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया। यह जानकारी एटीएस के एक आधिकारिक बयान से मिली। एटीएस ने बयान में कहा कि आरोपी की पहचान कुमार विकास के रूप में की गई है और वह आयुध निर्माणी कानपुर में जूनियर वर्क्स मैनेजर के रूप में कार्यरत था। बयान के अनुसार, कुमार विकास एक संदिग्ध पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था, जिसने ”नेहा शर्मा” नाम का इस्तेमाल किया था। बयान में कहा गया है कि कुमार विकास फेसबुक के माध्यम से संदिग्ध पाकिस्तानी एजेंट के सम्पर्क में आया।

बयान में कहा गया है कि जांच में पता चला कि विकास आयुध निर्माण से जुड़े दस्तावेज, कर्मचारी उपस्थिति पत्रक, मशीन लेआउट और उत्पादन चार्ट से संबंधित गोपनीय दस्तावेज और संवेदनशील डेटा व्हाट्सऐप के माध्यम से भेज रहा था। बयान के अनुसार इससे पहले, 13 मार्च को, एटीएस ने इसी तरह के अपराध के लिए हजरतपुर, फिरोजाबाद से आयुध निर्माणी के एक और कर्मचारी रवींद्र कुमार को गिरफ्तार किया था। बयान के अनुसार उससे पूछताछ के बाद एटीएस अधिकारियों को कुमार विकास का पता चला था, जो जनवरी 2025 से संदिग्ध पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था।

अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंट ने खुद को भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) कर्मचारी के रूप में पेश किया था और शुरुआत में फेसबुक के जरिये कुमार विकास से संपर्क किया था। बयान में कहा गया है कि बाद में दोनों ने मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान किया और व्हाट्सऐप पर अपना संचार जारी रखा। बयान में कहा गया है कि पकड़े जाने से बचने के लिए उन्होंने गुप्त बातचीत के लिए लूडो गेमिंग ऐप का इस्तेमाल किया। बयान में कहा गया है कि कुमार विकास को कथित तौर पर गोपनीय जानकारी देने के लिए वित्तीय प्रलोभन दिया गया था। कुमार विकास को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

अखिलेश को सपा सरकार की सुरक्षा हेल्पलाइन से राजस्थान की महिलाओं को मदद मिलने की उम्मीद

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के कार्यकाल में शुरू किए गए ‘1090’ महिला सुरक्षा मॉडल को अब राजस्थान सरकार भी अपना रही है। यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उम्मीद जताई कि यह पहल राजस्थान में महिलाओं के लिए एक प्रभावी और सार्थक सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करेगी। उन्होंने लिखा, ”सपा के शासनकाल में ‘महिला सुरक्षा’ के लिए समर्पित ‘1090’ मॉडल को अब राजस्थान सरकार अपना रही है। आशा है इससे राजस्थान में नारी की सुरक्षा की दिशा में एक प्रभावकारी और सार्थक व्यवस्था तैयार होगी।

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार के दौरान उत्पीड़न या संकट का सामना करने वाली महिलाओं को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए ‘1090’ महिला सुरक्षा हेल्पलाइन शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, ”पीडीए के आंदोलन में आधी आबादी के रूप में स्त्री हमेशा महत्वपूर्ण रही है, इसीलिए समाजवादी सरकार में हर बालिका, युवती और नारी में सुरक्षा के भाव और उनमें आत्मविश्वास का संचार करने के लिए ऐसे सुरक्षात्मक क़दम उठाए गये थे। सकारात्मक काम, सकारात्मक राजनीति के लिए प्रेरणा बनते हैं, समाज को समर्पित सपा के कामों की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है।” पीडीए शब्द यादव ने राज्य में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान गढ़ा था जिसमें ‘पिछड़े’ (पिछड़े), दलित और अल्पसंख्यक शामिल हैं।

दुष्कर्म मामले में सीतापुर जेल में बंद सांसद राकेश राठौर को मिली जमानत, जेल से बाहर आए

कांग्रेस सांसद राकेश राठौर दुष्कर्म मामले में स्थानीय अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के एक दिन बाद बुधवार सुबह सीतापुर जेल से रिहा हो गए। राठौर को 30 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और तभी से वह जेल में बंद थे। जेल से बाहर निकलते समय सांसद ने अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए कहा, ‘अगर मैंने यह पाप किया है तो जितनी कड़ी सजा उन्होंने मेरे लिए मांगी हैं मैं ईश्वर से उससे भी कड़ी सजा मांगता हूं।’ राठौर ने अपने समर्थकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी का धन्यवाद और भगवान का भी कोटि-कोटि धन्यवाद। मैं उन सभी का भी आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए प्रार्थना की।’

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 के तहत दर्ज दुष्कर्म मामले में 11 मार्च को राठौर को जमानत दे दी थी। हालांकि, उसी दिन सीतापुर पुलिस ने बीएनएस की धारा 69 (धोखे से यौन संबंध बनाना) जोड़ते हुए आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। आरोपपत्र दाखिल किए जाने से राठौर की तत्काल रिहाई रुक गई और उन्हें अधीनस्थ अदालत में फिर से जमानत के लिए आवेदन दाखिल करना पड़ा। मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौरव प्रकाश ने धारा 69 के मामले में उन्हें जमानत दे दी। सांसद के वकील विजय कुमार सिंह ने बताया कि उनकी ओर से अदालत में एक-एक लाख रुपये के दो जमानती बॉण्ड पेश किए गए।

पुलिस और अभियोजन पक्ष के अनुसार राठौर पर 45 वर्षीय महिला से शादी का झांसा देकर और राजनीतिक करियर में मदद का वादा करके दुष्कर्म करने का आरोप है। सांसद को उनके आवास से 30 जनवरी को उस समय हिरासत में लिया गया, जब वह आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में सांसद राठौर ने कांग्रेस से समर्थन नहीं मिलने के दावा को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ”ऐसा नहीं है। राहुल (गांधी) जी मेरे परिवार के साथ लगातार संपर्क में थे। मैंने इस मामले में पार्टी को शामिल न करने का फैसला किया क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहता था, जो मैं नहीं चाहता था।” उन्होंने अपने मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”जिस तरह से मैं लोगों की सेवा कर रहा था, मैं उनके बीच न होने के लिए माफी मांगता हूं।

उन्होंने (जनता ने) मुझे सांसद चुनकर अपनी सेवा की जिम्मेदारी दी है और मैं उस कर्तव्य को पूरा नहीं कर सका। लेकिन अब से मैं दिन-रात लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित रहूंगा।” जेल के बाहर सांसद के भाई अनिल राठौर ने संवाददाताओं से कहा, ”हमें जल्द से जल्द जमानत मिल गई और हम व्यवस्था के आभारी हैं। सांसद, उनके शुभचिंतक और समर्थक बहुत खुश हैं।

मेरठ में यूपी पुलिस का ऐक्शन: रुपयों का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में पादरी गिरफ्तार

मेरठ में एक पादरी को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लोगों को रुपयों का लालच देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मेरठ में धर्म परिवर्तन के मामले का मुख्य आरोपी रवि कुमार आजाद उर्फ रवि पादरी अगस्त 2024 में मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार था। इससे पहले मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जिला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, सहारनपुर के कुतुबशेर थाना क्षेत्र के जाटव नगर निवासी आजाद को सुबह गिरफ्तार किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि मेरठ अपराध शाखा के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह और योगेश चंद के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए आजाद को सहारनपुर के पैठ बाजार क्षेत्र में भौरा मंदिर चौकी के पास से गिरफ्तार किया।

मनोज त्यागी की शिकायत पर 12 अगस्त 2024 को मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आजाद और उनके साथी अनुसूचित जाति समुदाय और अन्य सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। शिकायत में दावा किया गया कि आरोपियों ने लोगों को रुपयों का लालच दिया और धर्म स्वीकार करने के लिए मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया। अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर कंकरखेड़ा थाने में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत आजाद और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच मेरठ अपराध शाखा कर रही है। पांच आरोपियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी आजाद घटना के बाद से फरार था। अधिकारी ने कहा, ”पुलिस उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी, आखिर में उसे पकड़ लिया गया।

किसानों का बढ़ा गेहूं समर्थन मूल्य, स्टाम्प पेपर होंगे चलन से बाहर, मंत्रिमंडल की बैठक में 19 प्रस्तावों पर लगी मुहर

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल के समक्ष कुल 19 प्रस्ताव आए और उन सभी को स्वीकृति प्रदान की गई। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संवाददाताओं को मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उत्तर प्रदेश में आगामी 17 मार्च से 15 जून तक गेहूं की खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए खाद्य विभाग की विपणन शाखा समेत कुल आठ खरीद एजेंसियों द्वारा पूरे राज्य में 6500 क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। किसानों को मूल्य समर्थन योजना का ज्यादा से ज्यादा फायदा दिलाने के उद्देश्य से किसानों का गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदना सुनिश्चित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए एक अन्य निर्णय में बलिया जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए नि:शुल्क जमीन का स्थानांतरण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। उन्होंने बताया कि जिला कारागार की 14.05 एकड़ जमीन को चिकित्सा शिक्षा विभाग को निशुल्क हस्तांतरित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इनमें से 12.39 एकड़ जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनेगा और लगभग दो एकड़ जमीन का सौंदर्यीकरण करके उस पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चित्तू पांडे का स्मारक बनाया जाएगा। उनके नाम पर ही प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया जा सकता है। खन्ना ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए एक अन्य निर्णय के अनुसार बुलंदशहर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिए राजकीय कृषि विद्यालय के नाम दर्ज भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में नि:शुल्क हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया गया है। कृषि विभाग की यह 4570 वर्ग मीटर की जमीन राजकीय कृषि विद्यालय के नाम पर बड़न तहसील के ग्राम बलीपुरा में है। उन्होंने बताया कि एक अन्य निर्णय में इटावा के सैफई में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत 300 शैय्या के गायनी ब्लॉक (100 शैय्या के पीडियाट्रिक ब्लॉक को शामिल करते हुए) के निर्माण के लिए पुनरीक्षित प्रायोजना की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति से संबंधित प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी है।

खन्ना ने बताया कि इसके लिए व्यय वित्त समिति द्वारा तय की गई शर्तों के तहत आकलित पुनरीक्षित लागत धनराशि 23217.73 लाख रूपये के वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए एक अन्य निर्णय में 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपए मूल्य तक के भौतिक स्टांप को चलन से बाहर घोषित करने के लिए व्यवस्था निर्धारित करने के उद्देश्य से शासनादेश जारी किए जाने के संबंध में प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने अनुमोदित कर दिया है। वित्त मंत्री ने बताया कि छह अक्टूबर 2024 को प्रदेश के कोषागारों में पांच हजार से लेकर 25 हजार मूल्य वर्ग के निष्प्रयोज्य स्टांप का कुल मूल्य 5630.87 करोड रुपए है। अब 10 हजार से 25 हजार रुपए मूल्य वर्ग के स्टांप को एक अधिसूचना के जरिए चलन से बाहर घोषित किया जाएगा और यह अधिसूचना जारी होने के बाद कोषागारों में जमा अवशेष ऐसे स्टांप पत्रों को पूर्व में निर्धारित शासनादेश के अनुरूप नष्ट करने की कार्यवाही पूरी की जाएगी ताकि भविष्य में उनका दोबारा इस्तेमाल न किया जा सके।

उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना ‘असिस्टेंस फॉर एस एंड टी सेक्रेटेरिएट टू सीएसटीयूपी के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश में पिछले 25 वर्षों से काम कर रहे सात कर्मचारियों को परिषद के स्थाई कर्मचारियों की तरह सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन दिए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री ने बताया कि टैक्सफेड समूह के तहत उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी मिलन की जमीन के औद्योगिक इस्तेमाल के लिए उसे अप सीधा को निशुल्क हस्तांतरित किए जाने के संबंध में एक प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि पिछले दो दशकों से बंद पड़ी कताई मिलों की निष्प्रयोज्य 451.20 एकड़ जमीन के हस्तांतरण से राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के काम जल्द से जल्द शुरू किए जाएंगे। इससे स्थानीय उद्यमिता के ज्यादा से ज्यादा अवसर प्राप्त होंगे।

खन्ना ने बताया कि मंत्रिमंडल ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड के तहत राजधानी में डीटीआईएस की स्थापना के लिए 0.8 हेक्टेयर भूमि निशुल्क दिए जाने से संबंधित एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि 94 लाख 19 हजार 120 मूल्य की इस जमीन पर डीटीआईएस फैसिलिटी का विकास एक संयुक्त जांच केंद्र के रूप में होगा जिसका इस्तेमाल डिफेंस कॉरिडोर लखनऊ नोड के तहत स्थापित रक्षा इकाइयों द्वारा अपने उत्पादों का परीक्षण एवं प्रमाणन करने के लिए किया जाएगा।

संभल मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई को लेकर क्या पूर्वाग्रह है : हाई कोर्ट

संभल स्थित जामा मस्जिद की पुताई के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वकील को विशेष रूप से यह बताने को कहा कि मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई को लेकर क्या पूर्वाग्रह है ? यह निर्देश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मस्जिद कमेटी द्वारा जताई गई आपत्ति पर दिया। मस्जिद कमेटी ने मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई कराने का आग्रह किया है जिस पर एएसआई की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। मस्जिद कमेटी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि एएसआई केवल मस्जिद के भीतर की दीवार के बारे में बात कर रहा है।

अदालत ने संभल के जिला मजिस्ट्रेट को वर्ष 1927 में प्रशासन और मस्जिद कमेटी के बीच हुए समझौते की मूल प्रति सुनवाई की अगली तिथि 12 मार्च, 2025 को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसी समझौते के तहत मस्जिद एएसआई को सौंपी गई थी। इससे पूर्व, एएसआई द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मस्जिद के भीतर की दीवार पर सिरेमिक पेंट किया गया है और वर्तमान में पुताई की कोई जरूरत नहीं है। तब अदालत ने एएसआई को मस्जिद परिसर से धूल और घास की सफाई करने करने का निर्देश दिया था।

यूपी में हादसा: बस्ती में सड़क दुर्घटना में पांच लोगों की मौत, तीन घायल

बस्ती नगर में सोमवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर ट्रक की टक्कर लगने से कार सवार पांच लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना सुबह करीब सात बजे शहर थाना क्षेत्र के गोटवा टाटा एजेंसी के पास हुई। बस्ती से अयोध्या की ओर जा रहा एक ट्रक अचानक लेन बदलने से विपरीत दिशा से आ रही एक कार से टकरा गया। उन्होंने बताया कि इस घटना में कार सवार शिवराज सिंह (30), शकील (25), बिस्वजीत (35), बहारन (32) और कार चालक प्रेम (34) की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की वजह से राजमार्ग की एक लेन पर यातायात बाधित हुआ, लेकिन बाद में उसे बहाल कर दिया गया।

अकबर हो या औरंगजेब, सबकी मानसिकता एक, ग्रेटर नोएडा में बोले सीएम योगी

मुगल शासक औरंगजेब को लेकर छिड़ी देशव्यापी बहस के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि अकबर हो या औरंगजेब, हिन्दुओं के प्रति सबकी मानसिकता एक ही थी। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आसिम आजमी को मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने वाली टिप्पणी के कारण बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा से 26 मार्च को समाप्त होने वाले बजट सत्र की शेष अवधि के लिये निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद औरंगजेब को लेकर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दादरी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।

उन्होंने इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, अकबर हो या औरंगजेब, हिन्दुओं के प्रति सबकी मानसिकता एक ही थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे आदर्श और राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह जी महाराज हैं, ना कि अकबर या औरंगजेब। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकबर कभी नायक नहीं हो सकता। इन्होंने भारत की सनातन परंपरा को रौंदने के लिए तमाम षड्यंत्र रचे। इसके विपरीत, महाराणा प्रताप ने अपने बलिदान से सनातन संस्कृति की रक्षा की। योगी ने छत्रपति शिवाजी महाराज और गुरु गोविंद सिंह का भी बार-बार उल्लेख किया और कहा कि ये राष्ट्रनायक हमारी प्रेरणा हैं। जो इनका सम्मान नहीं करते, वे विकृत मानसिकता के शिकार हैं और उन्हें उपचार की जरूरत है।

योगी ने महाराणा प्रताप के स्वाभिमान, स्वधर्म और स्वदेश के प्रति अद्वितीय समर्पण को याद करते हुए उन्हें सच्चा राष्ट्रनायक करार दिया। बयान के अनुसार राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) परिसर में महाराणा प्रताप स्टेडियम में आयोजित इस भव्य समारोह में मुख्यमंत्री ने उनकी वीरता की गाथा को विस्तार से बयां किया। मुख्यमंत्री ने राणा सांगा की वीरता का भी जिक्र किया। योगी ने जनसभा स्थल से ही गौतमबुद्ध नगर के लिए 1,467 करोड़ रुपये की 97 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महाराणा प्रताप के जीवन और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने स्वदेश और स्वधर्म के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। तनिक स्वार्थ के लिए सत्ता के सामने झुकने की बजाय, उन्होंने स्वाभिमान को चुना। योगी ने कहा कि चित्तौड़ के राजवंश में जन्में और कुम्भलगढ़ में पैदा हुए महाराणा प्रताप ने मात्र 28 साल की उम्र में अकबर जैसे विशाल साम्राज्य से पहला युद्ध लड़ा। योगी ने हल्दीघाटी की प्रसिद्ध लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि 20 हजार सैनिकों के साथ लाखों की सेना का मुकाबला करने वाला योद्धा ही हमारा सच्चा नायक हो सकता है।

हल्दीघाटी ने उन्हें राष्ट्रनायक का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपने जीवनकाल में मेवाड़ के खोए हुए क्षेत्रों को वापस लेकर अकबर को घुटने टेकने पर मजबूर किया, उनके घोड़े चेतक की स्वामिभक्ति भी अद्भुत थी। योगी ने कहा कि मौजूदा समय में भी हल्दीघाटी की मिट्टी को लोग तीर्थ के रूप में सम्मान देते हैं। यह भारत की महान परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने ब्रजभूमि के रंगोत्सव पर कहा कि विदेशी आश्चर्यचकित हैं कि भारत में कोई भेदभाव नहीं, सब एक साथ रंगों में सराबोर हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन की सराहना करते हुए कहा कि आस्था और आजीविका के नए स्रोत खुल रहे हैं। हमारी संस्कृति हमारी समृद्धि का आधार बन रही है। उन्होंने कहा कि श्रीराम, श्रीकृष्ण, महादेव, मां गंगा और मां यमुना की कृपा के साथ ही अब उत्तर प्रदेश पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बरस रहा है। उन्होंने कहा, महाकुम्भ को लेकर विधर्मियों ने जितनी अफवाह फैलाने की कोशिश की, सनातन धर्मावलम्बियों ने उतनी ही अधिक संख्या में प्रयागराज पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई। गंगाजल को दूषित बताया गया, मगर शायद उन्हें पता नहीं कि बहता पानी और रमता जोगी कभी अशुद्ध नहीं होता। हर सनातनी त्रिवेणी के पवित्र जल को आस्था के रूप में देखता है।