उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।
बनारस मेट्रो डीपीआर को मंजूरी
लखनऊ , 18 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में मेट्रो चलाने के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को मंजूरी दे दी गई है।
कैबिनेट ने प्रदेश में तीन हजार करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है। इसके लिए छह मेगा प्रोजेक्ट को कई रियायतें देने का निर्णय किया गया है।
यह रियायतें एलजी कंपनी सहित कई कंपनियों को दी जाएंगी। खास बात यह है कि ये मेगा प्रोजेक्ट बुंदेलखंड और पूर्वांचल में लगेंगे। जिससे वहां के लोगों को रोजगार मिलेगा।
राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसीजीपीजीआई) में मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए ओपीडी में 54० बेड का विस्तार किया जाएगा।
इसमें दिन में आने वाले मरीजों के लिए 18० बेड तो तत्काल बढ़ाए जाएंगे। इसके बाद 36० बेड और बढ़ाए जाएंगे। इस पर 1०4 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीजीआई को ट्रांसप्लांट सेंटर, इमरजेंसी मेडिसिन विभाग और सर्जरी के लिए रोबोटिक मशीन से लैस किया जाएगा। इसके लिए स्टेट बैंक से लोन लेने के लिए सरकार ने गारंटी दे दी है।
खाद की लैमिनेटेड व गैर लैमिनेटेड बोरियों पर पांच फीसदी एंट्री टैक्स लगाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मौजूदा समय में उप्र में खाद की बोरियां खरीदने पर पांच प्रतिशत वैट देना पड़ता है और उप्र के बाहर से मांगने पर सिर्फ दो फीसदी उत्पादन शुल्क पड़ता है। इसीलिए व्यापारी उप्र से खाद की बोरियां न खरीद कर गैर राज्यों से मंगाते हैं।
धार्मिक नगरी मथुरा व फैजाबाद-अयोध्या शहरों के तेजी से विकास के लिए यहां की नगर पालिकाओं को नगर निगम का दर्जा देने का फैसला किया गया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 15०० करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा। इसके लिए सरकारी गारंटी को मंजूरी दी गई है।
इटावा की ताखा और सीतापुर की महोली को मॉडल तहसील बनाया जाएगा।