कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पहले दिन शनिवार को देश में कुल 191181 लोगों को टीका लगाया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय यह जानकारी दी है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शनिवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत शनिवार को पहले चरण में भारत में अग्रिम मोर्चों पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई। जिन राज्यों में सबसे ज्यादा टीका लगाया उसमें उत्तर प्रदेश पहले नंबर है।
दैनिक यूपी
कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पहले दिन शनिवार को देश में कुल 191181 लोगों को टीका लगाया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय यह जानकारी दी है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शनिवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत शनिवार को पहले चरण में भारत में अग्रिम मोर्चों पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई। जिन राज्यों में सबसे ज्यादा टीका लगाया उसमें उत्तर प्रदेश पहले नंबर है।
इसके साथ ही 10 महीनों में लाखों जिंदगियों और रोजगार को लील लेने वाली इस महामारी के खात्मे की उम्मीद जगी है। भारत में करीब एक करोड़ लोगों के संक्रमित होने और 1.5 लाख लोगों की मौत के बाद भारत ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके के साथ महामारी को मात देने के लिए पहला कदम उठाया है और देशभर के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है।
स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, भाजपा सांसद महेश शर्मा और पश्चिम बंगाल के मंत्री निर्मल माजी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई। पॉल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन को लेकर गठित अधिकार समूह के प्रमुख भी हैं।
अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री कहा कि टीके की दो खुराक लेनी बहुत जरूरी है और इन दोनों के बीच लगभग एक महीने का अंतर होना चाहिए। उन्होंने टीका लेने के बाद भी लोगों से कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया और 'दवाई भी, कड़ाई भी का मंत्र दिया।