गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खासे करीबी रहे अरविंद कुमार शर्मा गुरुवार को लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और मंत्री दारा सिंह चौहान की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
लखनऊ | गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खासे करीबी रहे अरविंद कुमार शर्मा गुरुवार को लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और मंत्री दारा सिंह चौहान की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाकर प्रदेश मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने मीडिया से कहा कि पार्टी जो दायित्व देगी उसे निष्ठा से संभालूंगा। मैं भाजपा में शामिल होने से खुश हूं।
पूर्वांचल के कार्यकर्ताओं का रहा भारी जमावड़ा
अरविंद कुमार शर्मा का काफिला सुबह 11 बजे विपुल खंड स्थित गेस्ट हाउस से निकला और वह करीब 11.30 बजे भाजपा मुख्यालय पहुंचे। उनके साथ पूर्वांचल के जिलों, मऊ, गाजीपुर, देवरिया, गोरखपुर और बलिया से आए पार्टी कार्यकर्ताओं का हुजूम था और लग्ज़री कारों का काफिला भी...। वह ठीक 12 बजे मंच पर आए तो उनके साथ डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह मौजूद थे। स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें पार्टी का झंडा पहनाकर सदस्यता ग्रहण कराई। अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि वह पूर्वांचल के मऊ जैसे पिछड़े जिले से हैं। पार्टी में शामिल होने की उन्हें खुशी है। भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है और मेरे जैसे साधारण व्यक्ति को उठाकर इस मुकाम पर पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही कर सकते हैं। यह भारतीय जनता पार्टी में ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैं वरिष्ठ नेताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा और राष्ट्रीय सेवा में लगा रहूंगा।
चार जनवरी की दी पार्टी में शामिल होने की सूचना
अरविंद कुमार शर्मा गुजरात काडर के वर्ष 1988 बैच के आईएएस अधिकारी थे। उन्होंने वर्ष 2001 से वर्ष 2014 तक गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम किया। फिर वर्ष 2014 में वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आ गए। उन्होंने पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में काम किया। फिलहाल वह सूक्ष्म मध्यम एवं लघु उद्योग मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि उन्हें चार जनवरी को कहा गया कि वह इस्तीफा दे दें, उन्हें यूपी में बड़ी जिम्मेदारी संभालनी है। उन्होंने चार जनवरी को ही वीआरएस के लिए पत्र लिखा और कहा कि उन्हें 11 जनवरी से सेवानिवृत्ति चाहिए। फिर वह लखनऊ की तैयारी में जुट गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्ववसनीय अफसरों में रहे हैं अरविंद शर्मा
गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस रहे अरविंद कुमार शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्ववसनीय अफसरों में रहे हैं। यह भरोसा उन्होंने तब जीता जब श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। शर्मा ने मोदी के वाइब्रेंट गुजरात अभियान को जमीन पर उतारने में अहम भूमिका भी निभाई। अरविंद शर्मा की जड़ें यूपी में रही हैं। मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के काझाखुर्द गांव के रहने वाले श्री शर्मा के पिता परिवहन विभाग में कार्यरत थे। उन्होंने मऊ में ही डीएवी कालेज से इंटरमीडिएट तक शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्विविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक तक पढ़ाई की। श्री शर्मा जब आईएएस सेवा में आए तो उन्हें गुजरात कैडर आवंटित हुआ। नरेंद्र मोदी जब पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब ईमानदार व कर्मठ अधिकारियों को खासी अहमियत दी। इस कारण श्री शर्मा मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव बनाए गए।
मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो अरविंद शर्मा को प्रधानमंत्री कार्यालय में अहम जिम्मेदारी दी। यहां उन्होंने संयुक्त सचिव के रूप में बेहतरीन काम किया। कोरेाना काल में प्रधानमंत्री ने उन्हें एमएसएमई मंत्रालय में सचिव बना दिया ताकि संकट के वक्त लघु उद्यमियों को राहत दिलाई जा सके। इस सेक्टर से ही सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है। सूत्र बताते हैं कि श्री शर्मा को राजनीति में उतार का उनकी क्षमता व ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल शीर्ष नेतृत्व करने का निर्णय लिया और इसीलिए सेवानिवृत्त होने से दो साल पहले ही उनको वीआएस दिलवा दिया गया। 11 अप्रैल 1962 को जन्मे श्री शर्मा तीन भाई हैं। उनके दो भाई यूपी में ही कार्यरत हैं।