शहर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व दाे दिन मनाया जाएगा। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 11 अगस्त यानी मंगलवार को सुबह 9:06 मिनट पर शुरू होकर पूर्ण रात्रि में रहेगी।
शहर में श्रीकृष्ण
जन्माष्टमी का पर्व
दाे दिन मनाया
जाएगा। भाद्रपद मास की
कृष्ण पक्ष की
अष्टमी तिथि 11 अगस्त यानी
मंगलवार को सुबह
9:06 मिनट पर शुरू
होकर पूर्ण रात्रि
में रहेगी। वहीं
बुधवार काे अष्टमी
तिथि सुबह 11 बजकर
16 मिनट तक रहेगी।
इसके बाद नवमी
तिथि शुरू हाे
जाएगी। हालांकि उदियात तिथि
बुधवार काे हाेने
की वजह से
ज्यादातर जगहाें पर जन्माष्टमी
का पर्व 12 अगस्त
काे मनाया जाएगा। पुष्कर के ज्योतिषी
एवं पंडित कैलाशनाथ
दाधीच ने बताया
कि भगवान श्रीकृष्ण
का जन्म मथुरा
में भाद्रपद कृष्ण
अष्टमी को रात्रि
12 बजे हुआ था।
निर्णय सागर पंचांग,
विश्व विजय पंचांग,
श्रीवल्लभ मनीराम पंचांग, श्रीधर
पंचांग सहित सभी
पंचांग में मंगलवार
को स्मार्त श्रीकृष्ण
जन्माष्टमी वर्णित है। हालांकि
वैष्णवाें अाैर सनातनजन
में उदियात तिथि
को पर्व एवं
त्योहार मनाने की परंपरा
है। उन्होंने बताया
कि सूर्याेदय के
अनुसार जन्माष्टमी बुधवार काे
मनाई जाएगी। जबकि
मंगलवार को घड़ियाें
के हिसाब से
रात्रि में अष्टमी
का योग आएगा।
बताया गया है
कि इस बार
दो छठ होने
से अष्टमी का
विभेद बन रहा
है।
वैशाली नगर इनकम
टैक्स कॉलोनी के
पुजारी पं.विष्णु
दाधीच के अनुसार
उदियात तिथि के
दिन पर्व एवं
त्योहार मनाना श्रेयस्कर है।
जन्माष्टमी को वैष्णवजन
को अपने घरों
में बालकृष्ण भगवान
का पंचामृत अभिषेक
कर गोपाल सहस्त्रनाम
के पाठ करना
चाहिए, इससे भगवान
प्रसन्न होते हैं।
रात्रि 12 बजे जन्म
आरती कर धनिए
की पंजरी और
पंचामृत सहित अन्य
व्यंजनों का भोग
लगाना चाहिए। इस
दिन गर्भवती महिलाओं
की ओर से
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उद्यापन
भी किया जाता
है।